UP Outsource Seva Nigam News: हर देश के लिए रोजगार एक बड़ा मुद्दा होता है इस समय लगभग सवा करोड़ युवा ऐसे हैं जो संविदा पर नियुक्त है और आउटसोर्स की व्यवस्था के तहत रोजगार कर रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इन्हें ना तो उचित वेतन मिलता है ना समय पर अवकाश दिया जाता है और ना सामाजिक सुरक्षा को लेकर सुरक्षा मिली है यह अस्थाई रूप से नौकरी करने वालों को कम वेतन और असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जल्द ही आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड का गठन किया है जिसमें गैर लाभकारी संस्था के रूप में कार्य किया जाएगा जिससे पब्लिक लिमिटेड कंपनी यानी आउटसोर्स सेवा निगम को मुख्य जिम्मेदारी दी है और जिससे अस्थाई कर्मचारियों से जुड़े कई मुद्दों का समाधान हो पाएगा।
इन्हें मिलेगा लाभ
यह कदम उन लाखों कर्मचारियों को राहत दिलाएगा जिन्होंने एजेंसी के द्वारा कम वेतन मिलता है या वेतन संबंधी शोषण का सामना करना पड़ता है सिर्फ उत्तर प्रदेश में 93 सरकारी विभाग है जिसमें 11 लाख कर्मचारी काम करते हैं वह नियुक्ति देने वाली एजेंसी से वेतन संबंधी विसंगति का सामना करना पड़ता है पूरे देश के स्तर को देखा जाए तो केंद्र और राज्य स्तर पर लगभग 30-43 परसेंट कार्यबल, अस्थाई समुदाय या आउ सोर्स के अनुसार काम कर रहे हैं जिसमें डाटा एंट्री क्लर्क , स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी प्रमुख सेवाएं शामिल की गई है।
यूपी में अस्थाई कर्मचारियों की संख्या
साल 2014 के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार में लगभग 1 करोड़ अस्थाई कर्मचारी हैं यह संख्या वित्त वर्ष 2024- 25 की समाप्ति तक डेढ़ से 2 करोड़ तक पहुंच जाएगी जिसमें विशेषतौर पर स्वास्थ्य, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्र हैं।
अस्थाई नौकरी में होगी वृद्धि
इसके अलावा अस्थाई संविदा नौकरियों मे वृद्धि भी की जाएगी लेकिन समस्या यह है कि बाह्य एजेंसी के द्वारा नियुक्त किये जाने वाले अस्थाई , संविदा या आउटसोर्स कर्मचारी को उचित वेतन और नौकरी की अनिश्चिता का सामना करना पड़ता है।
अन्य सुबिधायें भी दी जायेंगी
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम इन कर्मचारियों को उचित मानदेय देगा जिसमें गारंटी के साथ ईपीएफ और ईएसआई अंशदान के साथ अवकाश और अन्य सहायक कार्य जैसे सामाजिक सुरक्षा प्रविधानों का लाभ दिलाने मे मदद करेेगा साथ ही यह निश्चित करेेगा कि आउटसोर्स कर्मचारी की नियुक्ति कम से कम 3 वर्ष के लिए हो इसके अतिरिक्त उन्हें हर महीने 1 से 5 तारीख के बीच सीधे इनके बैंक खाते में सैलेरी मिल जाए यदि निगम के द्वारा उत्तर प्रदेश सरकर इन अस्थाई नौकरीयों से जुड़े लोगों को हित का पालन नहीं कर पाती है और उनकी समस्या का हल नहीं निकल पाती है तो ये रोजगार के क्षेत्र में एक नया प्रतिमान गढ़ देगा।