Agriculture Latest Update: सरकार खेती को आधुनिक बनाने के लिए बहुत सारी योजनाएं चला रही है इसी योजना के अंतर्गत झारखंड के पलामू जिले की दो महिला आजीविका शक्ति मंडलों को केंद्र सरकार की सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकनाइजेशन (SMAM) योजना के तहत मिनी ट्रैक्टर सहित खेती में उपयोगी यंत्र 75% सब्सिडी पर दिए हैं यह योजना महिला किसानों के लिए अब वरदान साबित हो रही है।
इस योजना के अंतर्गत दिए गए हैं कृषि यंत्र
सरकार की सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेंकनाइजेशन(SMAM) योजना में लक्ष्मी आजीविका शक्ति मंडल पिपरा और ओम आजीविका शक्ति मंडल हुसैनाबाद की महिलाओं को सरकार के द्वारा मिनी ट्रैक्टर, रोटावेटर, हाल और केजविल मात्र एक लाख 28 हजार रुपए में दिए हैं जबकि इन कृषि यंत्रों की वास्तविक कीमत लगभग ₹5,00000 है जिसमें ट्रैक्टर की कीमत लगभग ₹4,59,000 है जबकि इस योजना के अंतर्गत यह सब महिलाओं को 91,897 रुपए में दिए गए हैं।
50 से 75% की सब्सिडी पर मिल रहे मिनी ट्रैक्टर
लक्ष्मी मंडल की कलावती कहती है कि वह सालों से खेती कर रही है लेकिन खुद का ट्रैक्टर ना होने के कारण हमेशा खर्च अधिक होता था और आमदनी कम होती थी और अब उन्हें विश्वास है की खेती से अच्छी आमदनी होगी और खेती करना भी आसान हो जाएगा उन्होंने कहा कि उन्हें ट्रैक्टर की उपलब्धता केंद्र सरकार की सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेंकेनाइजेशन योजना के अंतर्गत मिनी ट्रैक्टर सहित खेती में उपयोगी यंत्र 75% सब्सिडी पर उपलब्ध हुए हैं इस योजना में महिला किसानों को अनिवार्यता दी गई है जिसमें उन्हें 50% से 75% तक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी सरकार के द्वारा दी गई है।
इस योजना से खेती करना हुआ आसान
यहां की महिला किसानों का कहना है कि ट्रैक्टर और उपकरण मिलने से खेती करना अब और अधिक आसान और फायदेमन्द हो गया है पहले वह बैल से खेत जोती थी जिससे काफी समय तो लगता ही साथ ही उत्पादन पर भी इसका फर्क पड़ता था वही दूसरों के ट्रैक्टर से खेत जोतवाने पर अधिक पैसे खर्च हो जाते थे जो पैदावार से भी ज्यादा होते थे सरकार की SMAM योजना के कारण उन्हें खेती करने में आसानी हो रही है इससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।
खुद का ट्रैक्टर होने का लाभ
वही ओम मंडल की सचिव शांति देवी ने कहा कि इस योजना का लाभ मिलने में उन्हें भले ही 6 महीने का लंबा इंतजार करना पड़ा लेकिन अब खुशी दोगुना हो गई है पहले हल बैल और किराए के ट्रैक्टर से खेती करनी पड़ रही थी जहां पैदावार कम थी और खर्च अधिक था इस कारण खर्च की भरपाई करना मुश्किल हो गया था लेकिन अब जब खुद का ट्रैक्टर है तो मेहनत और मुनाफा दोनों उन्हें ही मिलेगा इसलिये सरकार के द्वारा चलाई जा रही यह योजना अब महिला किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।