50% Basic Pay Pension News: अगर आप एक केंद्रीय कर्मचारी हैं या फिर आपके परिवार में कोई भी सरकारी कर्मचारी है तो यह खबर पड़े काम की है इस महीने की 30 तारीख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है 30 सितंबर तक उन्हें पेंशन का चुनाव करना होगा वह मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम में रहना चाहते हैं या फिर इसे बदलकर यूनिफाइड पेंशन स्कीम की ओर जाना चाहते हैं इस फैसले से कर्मचारियों की आने वाले समय में पेंशन निर्धारित की जाएगी कर्मचारियों के लिए पेंशन चुनने का आखिरी मौका मिला है इसके बाद पेंशन में बदलाव नहीं कर सकेंगे।
जान लें एनपीएस और यूपीएस में अंतर
यूपीएस के अंतर्गत कर्मचारियों को गारंटीड न्यूनतम पेंशन दी जाएगी जो महंगाई के साथ-साथ बढ़ती जाएगी और Old Pension Scheme (OPS) की तरह ही स्थिरता भी देगी वहीं एनपीएस पूरी तरह से मार्केट पर निर्भर करेगी जिसमें रिटर्न काफी अधिक भी हो सकता है लेकिन नुकसान का भी बराबर रिस्क रहेगा 2 सितंबर को सरकार ने यूपीएस चुनने वालों को एक बार एनपीएस में जाने का विकल्प भी दिया है यह फैसला 3 सितंबर तक करना होगा इसके बाद मौका नहीं मिलेगा।
क्या है पेंशन स्विच करने के नियम
कर्मचारी यूपीएस से एनपीएस में मैच एक बार स्विच करके जा सकते हैं लेकिन वापस यूपीएस नहीं चुन सकते हैं यह ऑप्शन रिटायरमेंट से 1 साल पहले या रिटायरमेंट से 3 महीने पहले लिया जा सकता है अगर कर्मचारी निर्धारित की गई समय सीमा तक एनपीएस का चुनाव नहीं करते हैं तो वह ऑटोमैटिकली ही यूपीएस में बने रहेंगे जिन कर्मचारियों को पेनल्टी के रूप में हटाने या फिर बरखास्त किए जाने या जरूरी रिक्वायरमेंट मिला हुआ है या उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई चल रही है तो फिर वह पेंशन स्कीम को नहीं बदल सकते हैं।
नए कर्मचारियों को मिलेगी बड़ी राहत
1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच शामिल होने वाले नए कर्मचारी जिन्होंने एनपीएस का चुनाव किया है वह 30 सितंबर तक यूपीएस में जा सकते हैं जिन्होंने परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर फॉर्म अभी तक जमा नहीं किया वह फॉर्म नोडल ऑफिस में जमा कर सकते हैं बाद में एनपीएस चुनने का विकल्प बना रहेगा लेकिन एक बार चुनाव तो वह फाइनल होगा इसलिए कर्मचारी के पास विकल्प चुनने का अंतिम मौका है सोच समझकर कर्मचारी अपना विकल्प चुन सकते हैं।
यूपीएस में 50% पेंशन का नियम
यूनिफाइड पेंशन स्कीम में 50% पेंशन का नियम कहता है कि अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल की सेवा पूरी कर ली है तो उसे रिटायरमेंट के ठीक पहले 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन मिलेगी अगर सेवा अवधि 10 से 25 साल के बीच है तो पेंशन राशि सेवा अवधि के अनुपात में दी जाएगी इसके अतिरिक्त कम से कम 10 साल की सेवा के बाद ₹10000 प्रति महीना की न्यूनतम पेंशन गारंटीकृत की गई है 50% पेंशन के लिए नियमों की बात की जाए तो सेवा अवधि न्यूनतम 25 साल पेंशन का आधार 12 महीने की औसत का मूल वेतन होगा वहीं न्यूनतम पेंशन 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को मिलेगी अनुपातिक भुगतान की बात की जाए तो 10 साल से 25 साल के बीच की सेवा अवधि वालों के लिए पेंशन राशि आनुपातिक रूप में कम हो सकती है पेंशन पर महंगाई राहत भी मिलेगी जिससे रिटायरमेंट के बाद भी महंगाई से सुरक्षा बनी रहेगी। मान लीजिए किसी कर्मचारी की अंतिम 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी 50000 है तो 25 साल की सेवा पूरी करने के बाद उसे हर महीने ₹25000 की पेंशन मिलती रहेगी साथ ही पेंशन पर महंगाई राहत भी मिलेगी जिससे पेंशन में बढ़ोतरी होती रहेगी।